पटना। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा कृषि कानूनों की खामियों के बारे में बीते दिनों पूछे गये सवालों का कांग्रेस ने अभी तक कोई अधिकारिक जवाब नहीं दिया। इससे यह साबित होता है कि इस मुद्दे पर उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। उनकी चुप्पी यह साफ़ बताती है कि कृषि कानून काले नहीं, बल्कि इन कानूनों पर देश को गुमराह करने वालों के मन काले हैं।
उन्होंने कहा कि यह बात अभी तक साबित हो चुकी है कि कृषि कानूनों को लेकर विरोध केवल एक राज्य तक ही सीमित है और सिर्फ चंद वोट हासिल करने के लालच में कांग्रेस सहित कुछ और राजनीतिक दल किसानों को उकसा रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि इन कानूनों को काला कह रहे तमाम विपक्षी दल कभी खुद इन सुधारों का समर्थन करते हुए इन्हें लागू करने का वादा कर रहे थे। पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा इन कानूनों के समर्थन में दिए बयान सोशल मीडिया में तैर रहे हैं। लेकिन आज इन कानूनों को लागू किए जाने पर इन दलों का विरोध करना लेकिन साथ-साथ तीनों नए कृषि कानूनों में एक भी खामी बताने में नाकाम रहना इनकी क्षुद्र राजनीतिक महत्वकांक्षा को बताता है।
उन्होंने कहा कि सत्ता के लालच में कांग्रेस अब पूरी तरह से आंदोलनजीवियों के हाथों में नाच रही है जिसे न तो देश के लिए शुभ माना जा सकता है और न ही खुद कांग्रेस के लिए, इनपर स्वार्थ इस कदर हावी हो चुका है कि अब यह बाहरी तत्वों द्वारा देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को भी सराहने लगे हैं। कांग्रेस नेताओं और शरद पवार द्वारा सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों के खिलाफ की जा रही बयानबाजी इनकी इसी स्वार्थपरक राजनीति को दर्शाती है। वोटों के लालच में इन्हें यह तक समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी यह क्षुद्र राजनीति देश और देशवासियों पर कितनी भारी पड़ सकती है। बहरहाल कांग्रेस यह जान ले कि आंदोलनजीवियों के हाथों में अपना हाथ देकर उन्होंने अपने पैरों पर एक बार फिर कुल्हाड़ी मार ली है। जनता इसका मजा उन्हें बखूबी चखाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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