। अरुणाचल प्रदेश के चांंग्लांग जिला में असम राइफल के पूर्व कर्मियों को पंचायत चुनाव लड़ने के अधिकार देने के विरोध ने शुक्रवार को गंभीर रूप ले लिया। छात्र संघ से जुड़े युवाओं ने कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी गई और पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की गयी। दूर का इलाका होने से राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हेलिकॉप्टर से मौके पर पहुंचे हैं और स्थिति सामान्य न होने तक डेरा डाल दिया है।
अरुणाचल प्रदेश में बाहरी लोगों को राजनीतिक अधिकार दिए जाने का विवाद पिछले काफी दिनों से चल रहा है। इसको लेकर राज्य के अधिकांश छात्र संगठन बाहरी लोगों के साथ ही सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को भी राजनीतिक अधिकार देने का विरोध करते आ रहे हैं। पिछले दिनों चांगलांग जिला के छात्र संगठनों ने सरकार से पंचायत चुनाव में सैन्य कर्मियों और बाहरी लोगों को मिले राजनीतिक अधिकार रद्द करने की मांग करते हुए अल्टीमेटम दिया था कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम गणतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे। सरकार से अपनी मांगों को पूरा न होते देख आज छात्र संगठन भड़क गए और हिंसा पर उतर आये।
पुलिस के अधिकारिक सूत्रोंं के अनुसार सैन्य कर्मियोंं के पंचायत चुनाव लड़ने के अधिकार को रद्द करने और इनकी बस्तियों को विजयनगर से बाहर निकालने की कई दिनों से चली आ रही मांग ने आज हिंसक रूप धारण कर लिया। सुबह लगभग 8.30 बजे के आसपास 400 की संख्या में लोग गांधीग्राम से दाव, लाठी, धनुष और तीर लेकर ‘हमारी मांगें पूरी करो’ का नारा लगाते हुए आए। इन लोगों ने अरुणाचल प्रदेश के चांंग्लांग जिला के विजय नगर के अतिरिक्त सहायक आयोग (ईएसी) कार्यालय, डाकघर, एसबी कार्यालय में आग लगा दी। साथ ही विजयनगर पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की गयी। नाराज लोगों ने क्षेत्र के सिविल हेलिपैड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांंकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं मिली है।
जिला प्रशासन और पुलिस ने बताया है कि स्थिति अभी भी तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। चांग्लांग पुलिस अधीक्षक मिहिन गामबो और डीवाईएसपी समेत लगभग 30 पुलिस कर्मी वहां मौजूद हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विजयनगर में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को भेजा गया है। दूर का इलाका होने से राज्य के डीआईजी किमे कामिंंग, आईजीपी चुकु आप्पा हेलिकॉप्टर से पहुंच गये हैंं। दोनों पुलिस अधिकारी अगले कुछ दिनों तक वहां डेरा डालेंगे, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।
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